जिसमें इन संस्थाओं द्वारा अनुबंध के समय तो इन नियमों को मानने की सहमति दी जाती है लेकिन इन सुविधाओं का मान्यता मिलने के बाद संचालको द्वारा ठेंगा दिखा दिया जाता है।
2.
परन्तु सर्वदा और एतत्द्वारा यह सहमति दी जाती है, कि इस अनुबन्ध के भंग होने की दशा में द्वितपक्षकार या संयुक्त रूप से या पृथक रूप से उक्त जमानती प्रथम पक्षकार द्वारा एतत्पूर्व उल्लिखित अध्ययन अवकाश के सम्बन्ध में और बाद में वास्तविक रूप में उठाए गए सभी व्ययों को प्रथम पक्षकार को वापस करने और पूर्ण रूप में भुगतान करने लिए जिम्मेदार होगें।